Jaal - 2: जाल - २
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- Synopsis
- “अपराधी कितना भी शातिर और चालाक क्यों न हो। वह अक्सर कोई ऐसी गल्ती कर ही जाता है कि कानून के हाथ से उसका बच पाना मुश्किल हो जाता है। बस उस भूल को पकड़ने वाली नजर होनी चाहिए। जो गुरुनाथ बेनेगल और चाणक्य राजगुरु के पास हैं। और यहाँ अपराधी ने वही छोटी सी भूल की। उसकी गल्ती बस एक अक्षर “है” से पकड़ी गई। नहीं तो मरने के बाद फिर से जिन्दा होने का जो प्लान उसने बनाया था, वह कभी फेल होता ही नहीं।”
- Copyright:
- 2022
Book Details
- Book Quality:
- Excellent
- Book Size:
- 114 Pages
- Publisher:
- Harish Sharma
- Date of Addition:
- 07/26/24
- Copyrighted By:
- Harish Kumar Sharma
- Adult content:
- No
- Language:
- Hindi
- Has Image Descriptions:
- Yes
- Categories:
- Literature and Fiction, Mystery and Thrillers
- Submitted By:
- Bookshare Staff
- Usage Restrictions:
- This is a copyrighted book.